वर्षा ऋतु पर निबंध

यह मौसम हमारे लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आता है। भारत में वर्षा ऋतु बहुत ही महत्वपूर्ण ऋतु होती है। वर्षा ऋतु मुख्य रूप से आषाढ़, श्रावण और भादो के महीनों में होती है। मुझे बरसात का मौसम बहुत पसंद है। यह भारत के चार मौसमों में से मेरा पसंदीदा मौसम है। यह गर्मी के मौसम के बाद आता है, जो साल का सबसे गर्म मौसम होता है। चिलचिलाती धूप, लू और तमाम तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं के कारण मैं गर्मी के मौसम में बहुत परेशान हो जाता हूं। हालांकि बरसात के मौसम के आते ही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

भारत में बारिश का मौसम जुलाई महीने में जुड़ा होता है। सितंबर का फाइनल रहता है। ये गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। मनुष्य के साथ ही पेड़, संयंत्र, चिड़िया और जंगल सभी वनवासी उसका इंतजार करते हैं। इसके स्वागत के लिए ढेर सारी तैयारियां करते हैं। इस मौसम में सभी को राहत की सांसें और विचार मिलते हैं।

आकाश बहुत चमकीला, साफ और हल्का नीला रंग का दिखाई देता है। कई बार सात शीश वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखता है। मैं हरे-भरे पर्यावरण और दूसरी चीजों की तस्वीरें लेता हूं जिससे मेरे कैमरे में यादें की तरह रहती हैं। आकाश में सफेद, भूरे और गहरे काले बादल दिखाई देते हैं।

प्रकृति पर वर्षा ऋतु का प्रभाव

सभी पेड़ और पौधे नए हरे निशान से भर जाते हैं और पार्क और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ठीक हो जाते हैं। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदिया, तालें, तालाब, गड्ढों आदि से पानी भर जाता है। सड़कें और खेल का मैदान भी पानी से भर जाता है। मिट्टी कीचड़युक्त हो जाती है। वर्षा ऋतु के ढेर सारे फायदे और नुकसान। एक तरफ ये लोग गर्मी से राहत देते हैं तो दूसरी तरफ दुनिया भर में कई संक्रामक बीमारियों की आशंका बनी रहती है। यह किसानों के लिए दायित्व के अधिकार से बहुत से लाभ रहते हैं लेकिन यह कई सारे दावों को भी प्रकट करता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाइफाइड और पाचन संबंधी परेशानियां सामने आती हैं।

संक्रामक बीमारियों के डर

सभी पेड़ और पौधे नए हरे निशान से भर जाते हैं और पार्क और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ठीक हो जाते हैं। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदियो, तालें, तालाबों, गड्ढों आदि से पानी भर जाता है। सड़कें और खेल का मैदान भी पानी से भर जाता है। वर्षा ऋतु के ढेर सारे फायदे और नुकसान।

एक तरफ ये लोग गर्मी से राहत देते हैं तो दूसरी तरफ दुनिया भर में कई संक्रामक बीमारियों की आशंका बनी रहती है। यह किसानों के लिए दायित्व के अधिकार से बहुत से लाभ रहते हैं लेकिन यह कई सारे दावों को भी प्रकट करता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाइफाइड और पाचन संबंधी परेशानियां सामने आती हैं।

किसानों के लिए वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व है

आम जन जीवन के अलावा वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिए है। क्योंकि खेती के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता से निराशा को पानी की कमी नहीं हो सकती है। सीएसीपी: किसान कई सारी गड्ढों और तालाबों में रहते हैं जिससे वर्षा के पानी की जरूरत के समय का उपयोग करना संभव है। वास्तव में वर्षा ऋतु के किसानों के लिए ईश्वर के द्वारा एक वरदान दिया गया है। बारिश न होने पर वे इंद्रराज देव से वर्षा के लिए प्रार्थना करते हैं ।अंततः: उन्हें वर्षा का आशीर्वाद मिल जाता है। आकाश में बादल छाये रहते हैं क्योंकि आकाश में यहाँ और वहाँ काले, सफेद और भूरे बादल रहते हैं। उपग्रह बादलों के साथ पानी के लिए रहना है और जब धुंधले धुंधले बादलों के साथ बारिश हो जाती है।

वर्षा ऋतु के आने से पर्यावरण की संभावना बढ़ जाती है। मुझे हरियाली बेहद पसंद है। वर्षा ऋतु के पलों का आनंद लेने के लिए मैं अपने परिवार के साथ बाहर घूमने जाता हूँ। पिछले साल मैं नैनीताल गया था। उसका एक अच्छा अनुभव था। कई पानी से भरे हुए पर्दे कार में हमारे शरीर पर पड़े और कुछ झिड़कियों के बाहर निकल गए। बारिश बहुत झलक रही थी और हम सभी इसका आनंद उठा रहे थे। हम लोगों ने नैनीताल में बोटिंग (नौकायन) का भी आनंद उठाया। हरियाली से भरा नैनीताल बहुत अद्भुत लग रहा था।

वर्षा ऋतु का आगमन

हमारे देश में चार मुख्य मौसमों में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसा मौसम है जो लगभग सभी लोगों की पसंद है। क्योंकि झुलसी हुई गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लाता है। वर्षा ऋतु जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही रोचक और महत्वपूर्ण है।

वर्षा ऋतु

गर्मी के बाद जून और जुलाई के महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है।लोगों को गर्मी से काफी राहत मिलती है। वर्षा ऋतु एक बहुत ही सुहाना ऋतु है। वर्षा ऋतु आते ही लोगों के लिए उम्मीद के मुताबिक किसानों से खुशियों का संचार हो जाता है। वर्षा ऋतु में केवल गर्मी से ही राहत नहीं मिलती बल्कि यह खेती के लिए वरदान है। बहुत सारे अच्छी सफलता वर्षा पर समाप्त होता है। अगर अच्छा बारिश नहीं हुई है तो ज्यादा चुनाव नहीं हो सकते हैं, जिससे लोगों को संचय नहीं मिल सकते हैं।

वर्षा ऋतु के दोनों पहलू: लाभ और हानि

वर्षा ऋतु के अपने फायदे और नुकसान हैं। बारिश का हर मौसम अच्छा लगता है क्योंकि यह सूरज की तपती गर्मी से राहत देता है। यह सभी पर्यावरण से गर्मी को हटाता है और एक ठंड का एहसास होता है। यह पेड़, संयंत्र, घास, फसल और अन्य चीजों को बढ़ने में मदद करता है। यह सभी मौसम के पशु और पक्षियों को बहुत पसंद करता है।क्योंकि वे चरने के लिए पूरे घास को इकट्ठा करते हैं और पीने के लिए पानी मिल जाते हैं। और इससे हमें दिन में दो बार गाय और भैंसों का दूध उपलब्ध हो जाता है। सभी प्राकृतिक संसाधन जैसे नदी और तालाब आदि जल से भर जाते हैं।

जब बारिश होती है तो सभी सड़कें, उद्यान और खेल के मैदान आदि जलमग्न और कीचड़युक्त हो जाते हैं। इससे हमें रोज़ाना बाधा उत्पन्न होती है। सूरज की रोशनी के बिना सब कुछ बदबू करता है। सूरज की रोशनी की कमी की वजह से बड़े स्तर पर संक्रामक बीमारियां (विषाणु, फफूंदी और बैक्टीरिया से होने वाली) के निशान का खतरा बढ़ जाता है। वर्षा ऋतु में, भूमि की कीचड़ और वर्षा का पानी, पृथ्वी के अंदर, पानी के मुख्य स्रोत के साथ मिलकर, पाचन की गड़बड़ी का रहस्य उजागर करता है। भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावना भी बनी रहती है।

वर्षा का दृश्य

बादलों को देखकर भी पृथ्वी को मनोरम और अलौकिक रूप से आकर्षित करते हुए नायक प्रेमी की झलकते ही आते हैं। और समय उसे सरस दें। जैसे ही पृथ्वी पर बूँददें लगती हैं वैसे ही पृथ्वी से अद्भुत भीनी-भीनी स्खलन उभरता है। वृक्षों में नया जीवन आ जाता है और वे हरे-भरे हो जाते हैं। पक्षी गण रंग करने लगते हैं। इस प्रकार वर्षा के आगमन से वातावरण ही बदल जाता है।

निष्कर्ष

आखिरकार सभी के द्वारा वर्षा ऋतु को बहुत पसंद किया जाता है। हर तरह की हरियाली ही दिखाई देती है। पेड़, संयंत्र और नागरिकों में नई पत्तियां आती हैं। फूल खिलना संसर्ग हो जाता है। हमें आकाश में इन्द्रधनेश्वर देखने का बेहतरीन मौका मिलता है। इस सीजन में सूरज भी लुका-चिपी खेलता है। मोर और दूसरे पक्षी को अपने लेटर को फैलाकर झूमने लगता है। हम सभी वर्षा ऋतु का आनन्दमय स्कूल और घर दोनों जगह लेते हैं।