Kriya Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain :- क्रिया-विशेषण की परिभाषा के रूप में हम कह सकते हैं कि जिन शब्दों से क्रिया की कोई विशेष वस्तु अर्थात् विशेषता का बोध होता है, वे शब्द क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। जैसा –
- कुमार तो बार -बार गलती कर देता है।
- रोगी को प्रायः ऐसा ही होता है।
- बॉर्डर पर लगातार गोली – बारी होती रही।
- तुम तो रोगी हो, कम खाया करो।
- पूरा गांव एकाएक बाढ़ में डूब गया।
ऊपर दिए गए वाक्यों में बार-बार, कम और एकाएक आने वाले शब्द क्रिया के विशेषता बता रहे हैं। इन शब्दों को क्रिया-विशेषण कहते हैं।
मूल बातें – प्रायः क्रिया विशेषण शब्द क्रिया के पहले ही आते हैं।
Kriya Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain
हम क्रिया-विशेषण शब्दों का प्रयोग अनेक प्रकार से करते हैं, परन्तु मूल रूप से इन शब्दों को चार भागों में बाँटा जा सकता है, अर्थात् इनके चार भेद होते हैं।
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण
- कालवाचक क्रिया विशेषण
- स्थानवाचक क्रिया – विशेषण
- परिमाणवाचक क्रिया – विशेषण
रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
जब भी कोई क्रिया की जाती है या घटित होती है, वह किसी न किसी रूप में घटित होती है। जो शब्द एक ही प्रकार से बोलते हैं, वे प्रचलित क्रिया-विशेषण कहलाते हैं।
जैसा –
- मेरे गांव में अचानक बाढ़ आ गई।
- रोहित की बेटी सचमुच सो गई।
- आपको ऐसा काम कभी नहीं करना चाहिए था।
- मेले में अचानक भगदड़ मच गई।
- हम सभी को यथाशक्ति दान करना चाहिए।
ऊपर दिए हुए वाक्यों में आये शब्द जैसे – अचानक , सचमुच, कभी नहीं, सहसा , यथाशक्ति – रीतिवाचक क्रिया विशेषण है।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण के प्रकार
रीतिवाचक क्रिया – विशेषण को नौ प्रकार से विभाजित किया जा सकता है, जो निम्न हैं –
रीतिवाचक क्रिया विशेषण के प्रकार | ||
क्रम संख्या | रीतिवाचक क्रिया विशेषण | प्रयोग में लाये गए शब्द |
1. | विधिबोधक | धीरे – धीरे , सहसा, सुखपूर्वक, तेज, ध्यान से, आदि। |
2. | निश्चयबोधक | धीरे – धीरे , सहसा, सुखपूर्वक, तेज, ध्यान से, आदि। |
3. | अनिश्चयबोधक | प्रायः, शायद, बहुधा, अक्सर आदि। |
4. | हेतुबोध | किसलिए, अतः, अतएव , क्यों आदि। |
5. | स्वीकृति बोधक | हाँ जी, हाँ, ठीक , सठिक , बिलकुल आदि। |
6. | प्रश्न वाचक | कैसे, क्यों आदि। |
7. | निषेध वाचक | नहीं, न, मत, आदि। |
8. | आवृति बोधक | झटपट , फटाफट, सरासर आदि। |
9. | आकस्मिकता बोधक | सहसा, अचानक , एकाएक आदि। |
कालवाचक क्रिया-विशेषण
जब भी कोई क्रिया होती है या की जाती है, वह एक विशेष समय पर होती है। जो शब्द किसी निश्चित समय या समय में किसी क्रिया के घटित होने का बोध कराते हैं, वे शब्द कालवाचक क्रिया-विशेषण की श्रेणी में आते हैं। जैसा –
- उन सभी बदमाशों को अभी पकड़ लाओ।
- बदल गरज रहे हैं लगता है अब बारिश होने वाली है ।
- बारिश के रुकते ही हम शीघ्र चल पड़ेंगे।
- मीरा तो भजन में सदैव रमी रहती है।
- आपका काम तो कल पूरा होगा।
उपरोक्त वाक्यों में आने वाले शब्द – अभी, अभी, शीघ्र, हमेशा, समय – कालवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।
कालवाचक क्रिया विशेषण तीन प्रकार से देखे जाते हैं । जो निम्नलिखित है –
कालवाचक क्रिया विशेषण के तीन प्रकार | ||
क्रम संख्या | कालवाचक क्रिया विशेषण | प्रयोग में लाये गए शब्द |
1. | काल बिंदु वाचक | अब, जब, कल, आज, परसों, शाम , प्रातः आदि। |
2. | अवधि वाचक | लगातार, हमेशा, दिनभर, निरंतर, नित्य आदि। |
3. | बारम्बारता वाचक | प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, प्रतिपल, हरबार आदि। |
स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
जो शब्द हमें क्रिया के होने के विशेष स्थान के बारे में बताये , वे शब्द स्थानवाचक क्रिया विशेषण होते हैं। जैसे –
- आप घर के बाहर मत जाना।
- आज सर्वत्र ही राम नाम की धुन है।
- काम हो जाये तो यहाँ चले आना ।
- सीता छत के ऊपर से झंडा लहरा रही थी।
- आपकी पुस्तकें यहाँ रखी हैं।
स्थानवाचक क्रिया विशेषण के दो प्रकार | ||
क्रम संख्या | स्थानवाचक क्रिया विशेषण-भेद | प्रयोग में लाये गए शब्द |
1. | स्थितिबोधक | ऊपर , निचे, सर्वत्र , अंदर, आमने, सामने, दूर, आदि । |
2. | दिशाबोधक | इधर, उधर, पूर्व, पश्चिम, आदि। |
परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
वे शब्द जो हमे किसी क्रिया की विशेष मात्रा या नाप – तौल आदि का बोध कराये, उन शब्दों को परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे –
- हमें थोड़ा खाना चाहिए।
- तुम्हारे पास तो पैसे बहुत कम रह गया है।
- आपने तो कपड़ा अधिक काट दिया।
- आप सबको खाना बराबर बाट दो।
- उतना लो, जितना खा सको।
निष्कर्ष
इस ब्लॉग के मदद से बताया गया है की Kriya Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain साथ ही ये क्रिया विशेषण के विभिन भेदों का पूरा वर्णन किया गया है।